अपनी समस्याओं को जाने दें। Let Go Your Problems.

अपनी समस्याओं को जाने दें। इसका मतलब क्या है ? यह आपको आगे की कहानी में पता चलेगा।

अपनी समस्याओं को जाने दें। यह समझाने के लिए एक दिन विज्ञान के प्राध्यापक अपने छात्रों को अपने पाठ्यक्रम के बाहर से कुछ दूसरा सिखाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक कांच का गिलास लिया। उसमें पानी भरा और अपने हाथ में लेकर अपने छात्रों से पूछा। इस पानी से भरे गिलास का वजन कितना है ?

एक छात्र ने जवाब दिया ५०० ग्राम होगा। दूसरे एक छात्र ने जवाब दिया ६०० ग्राम होगा। प्राध्यापक बोले ठीक है। इस गिलास का वजन कितना है यह हमें accuratly तभी पता चलेगा जब हम इसका वजन करेंगे, लेकिन इसका वजन ५०० ग्राम के आसपास जरूर होगा।

प्राध्यापक ने अपने छात्रों से फिर एक प्रश्न पूछा, मैंने यह पानी से भरा हुआ गिलास एक मिनट के लिए पकड़ा तो क्या होगा ? छात्र ने जवाब दिया कुछ नहीं होगा।

प्राध्यापक ने फिर पूछा ,अगर मैंने एक घंटा वह गिलास पकड़ा तो क्या होगा ? एक छात्र ने जवाब दिया आपके हाथ में दर्द होगा।

प्राध्यापक ने फिर एक प्रश्न पूछा ,मैंने वह गिलास । एक दिन-रात पकड़ा तो क्या होगा ?

दूसरे छात्र ने जवाब दिया ,आपके हाथ में बहुत दर्द होगा। आपके हाथ को पैरालिसिस भी हो सकता है। आपको हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है।

प्राध्यापक ने कहा ,बिल्कुल सही है।

प्राध्यापक ने कहा देखो इतना सब कुछ करने पर भी गिलास का वजन कम या ज्यादा नहीं हुआ है।

तो फिर दर्द का कारण क्या है ? मैं क्या करूं ? जिससे मेरा दर्द कम हो।

फिर एक छात्र ने जवाब दिया ,आप उस गिलास को नीचे टेबल पर रख दो।

प्राध्यापक ने कहा करेक्ट कहा यही lesson मैं आज तुम लोगों को पढ़ाना चाहता था।

यह पानी से भरा हुआ गिलास हमारी समस्या चिंताओं के समान है।

जब हम थोड़ी देर के लिए इन समस्या चिंताओं को सोचते हैं ,तो उससे हमें कोई दर्द नहीं होता।

लेकिन जब हम उन समस्याओं को चिंताओं को एक घंटा एक दिन के लिए सोचने लगते हैं , तब हम पैरालाइज बनते हैं।

हमसे कोई प्रोडक्टिव काम नहीं होता। हम उन समस्याओं में ही फंसे रहते हैं।समस्या के समाधान के बारे में सोचते ही नहीं है।

इसलिए हमें यही lesson याद रखना है |

अपनी समस्या, चिंता इन सब को लेट गो करना है।

हमें वह पानी से भरा हुआ गिलास नीचे रख देना है । यह सिर्फ समस्या, चिंता नहीं तो सभी नकारात्मक भावना है। उनको हमें लेट गो करना है |

हमारा मित्र या परिवार हमसे बुरा बर्ताव करते है। तो उनको हमें माफ करना है और उनके बर्ताव को भूल जाना है। बचपन में अगर आप से किसी ने अच्छा बर्ताव नहीं किया हो उसको भी भूल जाना है।

अगर आप से बचपन में या अभी किसी ने कहा हो कि आप यह चीज नहीं कर सकते।

आप में काबिलियत नहीं है। इन बातों का बोझ अपने मन पर लेकर आपको नहीं चलना है।

आप पैरालाइज हो जाएंगे।

इन सब को आप को लेट जो को करना है। तभी आप खुद को सकारात्मक बातों से भर सकेंगे।

अपने काम पर अपने लक्ष्य पर एकाग्र रहेंगे और उसे बेहतरीन करने की कोशिश करेंग। उससे आप लाइफ में सफलता हो पा सकते हैं।

जब तक आप अपनी समस्या चिंताओं को लेट गो नहीं करते ,तब तक आप खुद को कॉन्फिडेंट नहीं महसूस कर सकते।

कॉन्फिडेंस हर एक व्यक्ति की पर्सनैलिटी का बहुत महत्वपूर्ण गुण है। जो इंसान कॉन्फिडेंट है ,वही अपनी लाइफ में अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ सकता है।

लेट गो करने से ही आप अपनी लाइफ में खुशी का अनुभव कर सकते हैं।

खुश आदमी ही अपने लाइफ में आने वाली हर परिस्थिति का बड़ी आसानी से सामना कर पाता है।

सीख :- अपनी समस्याओं को जाने दें। अपनी सारी समस्या ,चिंताओं को मन का बोझ नहीं बनाना। उनको लेट गो करना।

तभी आप लाइफ में खुश रहेंगे और सफलता को पा लेंगे।

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