धैर्य और मौन अवलोकन का महत्व |The Importance Of Patience And Silence

1. चुप और धैर्यवान रहकर हम आत्म चिंतन कर सकते हैं।By remaining silent and patient, we can contemplate ourselves.

मौन और धैर्य आपकी ऊर्जा को संरक्षित और संरक्षित करता है, जो कि योग्य कारण पर चलने में खर्च होती है। जीवन के दिन-प्रतिदिन में फंसना बहुत आसान है ,पर रुककर आत्म चिंतन करने का महत्व अधिक है।

धीमा हो जाओ और अपने जीवन के बारे में सोचने के लिए समय निकालें। यह एक अत्यंत आधारभूत अनुभव है ,जो इस बात को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है कि आप कौन हैं, आप कौन बनना चाहते हैं और वहां पहुंचने के लिए आपको क्या कदम उठाने होंगे। इसलिए मैं रणनीति बनाने की बात कर रहा था।

आपको बैठने, धीमा करने, सोचने और फिर वह सब कुछ करने की ज़रूरत है ,जो आपको अपने आंतरिक स्व के संपर्क में आने में मदद करे, चाहे वह प्रार्थना हो या ध्यान। आप कहां हैं, इसकी बेहतर समझ पाने के लिए आपको खुद से जुड़ने की जरूरत है।

2. मौन और धैर्य का अभाव से शरीर पर बुरा असर पड़ता है।Lack of silence and patience has a bad effect on the body.

जब हम उलझन में होते हैं, तब हमारे शरीर में अलग तरह का हार्मोन्स तैयार होता है। जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक है । हमारा शरीर हलचल में आ जाता है। हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ता है। शरीर में तनाव बढ़ता है। ऐसी स्थिति में न तो हमारा मन काम करता है और ना दिमाग।

मौन की शक्ति से तनाव को कम कर सकते हैं और खुशी को बढ़ा सकते हैं। उनसे हमारा ब्लड प्रेशर बैलेंस रहने में और हार्ट अटैक से बचने के लिए महत्वपूर्ण है। मौन से हमारी इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में मदद मिलती है। मन की शक्ति से हमारी क्रिएटिविटी उभर कर आती है। हम खुद के साथ ज्यादा कंफर्टेबल बन जाते हैं। मौन हमारे अंदर की एक्सिलेंस को बढ़ाता है। मौन हमारे अंदर की क्वालिटीज को बढ़ाता है।

अगर हमें हमारी किसी भी परिस्थिति में सही निर्णय लेना है तो मौन और धैर्य के साथ शांत रहकर ही निर्णय लेना होगा। जिससे हम सही निर्णय लेने में सफल हो सकते है।

3.धैर्य के अभाव से हमारा मन अधीर बन जाता है।Lack of patience makes our mind impatient.

अधीर मन आसानी से व्यसनोंके अधीन हो जाता है। जब हमारे पास धैर्य की कमी होती है ,तो हम तत्काल संतुष्टि में देरी करने में मुश्किल होती है। इसके कारण अधीर मन संतुष्टि पाने के लिए,अच्छा महसूस करने के लिए ,कुछ खरीदना चाहता है। जल्दी से कुछ जीतना चाहता है। ऐसा करना लंबे समय में आपको नुकसान पहुंचाएगा।

धैर्य के अभाव से हम अपने व्यवसायिक लक्ष्य की दिशा में एक समर्पित तरीके से काम करने में असमर्थ होते हैं। इसीलिए हम अपने हाथ में जो काम है उसे पुरा न करके दूसरा काम शुरू करते हैं। दूसरा काम भी अधूरा छोड़ते हैं। इस तरह काम अधूरा छोड़ने का हमारा पैटर्न बन जाता है और आप अपने व्यवसाय के लक्ष्य को पाने में असमर्थ बन जाते हैं।

इसके अलावा धैर्य और मौन की शक्ति से हम स्वयं की आतंरिक शक्ति की स्थिति में रखता है। धैर्य की शक्ति से हम सफलता की ओर बढ़ सकते हैं।

4.धैर्य को बढ़ाने के लिए हमें मेडिटेशन करना चाहिए।To increase patience, we should do meditation.

ध्यान धारणा करने से हम स्वयं की आंतरिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं। हमें जो मिला है ,उस में खुश रहकर आगे जीवन में क्या चाहिए इसके ऊपर हमारे मन की शक्ति को एकाग्र करने में मदद मेडिटेशन से मिलती है। अपने जीवन के लक्ष्य को पाने के लिए समर्पित भाव से मेहनत करने की शक्ति हमें ध्यान धारणा से मिलती है। इस प्रकार से हम धैर्य को बढ़ाकर जीवन में सफलता पा सकते हैं

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